पुंछ, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुआ आतंकी हमला, पाकिस्तान की गन्दी साजिश चालु

पुंछ, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुआ आतंकी हमला और उसके बाद की घटनाएं भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव को एक बार फिर उजागर करती हैं। यह हमला न केवल सुरक्षा बलों के लिए एक चुनौती है, बल्कि स्थानीय नागरिकों के जीवन को भी प्रभावित करता है।

हमला और उसकी पृष्ठभूमि

पुंछ जिले के सुरनकोट क्षेत्र में भारतीय वायु सेना (IAF) के काफिले पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक वायु सैनिक शहीद हो गया और चार अन्य घायल हुए। यह हमला उस समय हुआ जब काफिला नियमित गश्त पर था। स्थानीय चश्मदीदों के अनुसार, गोलीबारी लगभग 20 मिनट तक चली, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई। इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सज्जाद जट्ट का नाम सामने आ रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की प्रतिक्रिया

इस हमले के जवाब में भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तानी सेना ने इन हमलों के बाद पुंछ और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी गोलाबारी की, जिसमें कई नागरिकों की जान गई और दर्जनों घायल हुए।

नागरिकों पर प्रभाव

सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण पुंछ और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। गोलाबारी के डर से कई परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। स्कूलों को बंद कर दिया गया और सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन और अन्य देशों ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है।

निष्कर्ष

पुंछ में हुआ यह आतंकी हमला और उसके बाद की घटनाएं एक बार फिर दर्शाती हैं कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना कितना आवश्यक है। भारत को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से स्थायी समाधान की दिशा में भी काम करना होगा। स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा और सामान्य जीवन की बहाली के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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