मसूद अज़हर: भारत में आतंकवाद का चेहरा और उसके काले कारनामे
मसूद अज़हर, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का संस्थापक और प्रमुख है। वह भारत में कई घातक आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है, जिनमें संसद हमला (2001), पठानकोट एयरबेस हमला (2016), और पुलवामा आत्मघाती हमला (2019) शामिल हैं। हाल ही में, भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में उसके 10 पारिवारिक सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए, जिससे एक बार फिर उसका नाम सुर्खियों में आया है।
प्रारंभिक जीवन और गिरफ्तारी
मसूद अज़हर का जन्म 1968 में पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था। वह एक मदरसे में पढ़ा और बाद में हरकत-उल-अंसार जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा। 1994 में, वह भारत के श्रीनगर आया और गिरफ्तार हुआ। उसे जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए दोषी ठहराया गया और जेल में रखा गया।
कंधार विमान अपहरण और रिहाई
1999 में, इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC814 का अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने मसूद अज़हर की रिहाई की मांग की। भारत सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए उसे रिहा किया, जिसे कंधार में तालिबान के नियंत्रण वाले क्षेत्र में सौंपा गया। रिहाई के बाद, उसने जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की।
भारत में प्रमुख आतंकवादी हमले
- भारतीय संसद हमला (2001): 13 दिसंबर 2001 को, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया, जिसमें 14 लोग मारे गए।
- पठानकोट एयरबेस हमला (2016): जनवरी 2016 में, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया, जिसमें 7 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। इस हमले की साजिश मसूद अज़हर और उसके भाई ने रची थी।
- पुलवामा हमला (2019): 14 फरवरी 2019 को, एक आत्मघाती हमलावर ने CRPF के काफिले पर हमला किया, जिसमें 40 जवान शहीद हुए। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली। मसूद अज़हर ने पाकिस्तानी सेना के अस्पताल से इस हमले की अनुमति दी थी।
वैश्विक आतंकवादी के रूप में मान्यता
भारत ने लंबे समय से मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग की थी। चीन के विरोध के बावजूद, मई 2019 में, संयुक्त राष्ट्र ने उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया, जिससे उस पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति जब्ती और हथियार प्रतिबंध लगाए गए।
ऑपरेशन सिंदूर और हालिया घटनाक्रम
मई 2025 में, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला किया। इसमें मसूद अज़हर की बहन, बहनोई, भतीजा, भतीजी और अन्य पारिवारिक सदस्य मारे गए। यह कार्रवाई पहलगाम हमले के प्रतिशोध में की गई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
निष्कर्ष
मसूद अज़हर भारत में आतंकवाद का प्रतीक बन चुका है। उसके नेतृत्व में जैश-ए-मोहम्मद ने कई निर्दोष लोगों की जान ली है। हालांकि, भारत की कड़ी कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते, अब उसके संगठन और उसके खुद के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। आशा है कि भविष्य में ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
Jay Mishra is a versatile writer with a passion for storytelling and creativity. He brings ideas to life through her words, blending inspiration with insight. Whether writing about lifestyle, personal growth, or creative pursuits, Jay’s work aims to inspire and connect with readers.