ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता का प्रतीक
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय एकता और राजनीतिक परिपक्वता कितनी महत्वपूर्ण है। 7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 28 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
ऑपरेशन सिंदूर: एक निर्णायक कदम
भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन में बहावलपुर, मुरिदके और मुज़फ्फराबाद सहित नौ स्थानों पर आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। इन ठिकानों का संबंध जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से था। भारत ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। भारत के अनुसार, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
पाकिस्तान ने इस कार्रवाई को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए विरोध दर्ज कराया और दावा किया कि इसमें 31 नागरिकों की मौत हुई है। हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि सभी लक्षित स्थल आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े थे।
राजनीतिक एकता: सरकार और विपक्ष का साझा रुख
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में राजनीतिक दलों ने एकजुटता का परिचय दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने इस कार्रवाई का समर्थन किया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सभी नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर परिपक्वता दिखाई और सरकार के साथ एकजुटता जताई। उन्होंने कहा, “सभी नेताओं ने सशस्त्र बलों को ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई दी और कहा कि हम सरकार और सशस्त्र बलों का समर्थन करेंगे।”

यह राजनीतिक एकता आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सभी दलों ने यह स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति की कोई जगह नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय तनाव
भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने इसे युद्ध की कार्रवाई बताते हुए विरोध दर्ज कराया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया है, हालांकि भारत ने इन दावों को खारिज किया है।
इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर गोलीबारी और तनाव बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता और राजनीतिक एकता का प्रतीक बन गया है। इस कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। साथ ही, यह भी स्पष्ट हो गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भारत में सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो भारत एकजुट होकर किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।
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